पीछे मुड़ कर देखा तो पाया
कितने रँग थे जीवन में
अक्सर ठगा, हारा महसूस किया
फिर भी जीवन भरपूर जिया
क्योंकि एहसास था कि....
जीवन जिसने दिया है
उसी ने तय किये है ये रास्ते मेरे लिए
मुझको चलते जाना था
मुश्किलों से पार पाते हुए।
हिम्मत ना हारते हुए
रास्ते खुद बनाते हुए
आगे बढ़ते जाना था
नीचे पथरीले रास्ते थे
पर ऊपर उसका हाथ था
विश्वास ना छोड़ा हिम्मत ना हारी
जीना था तो जीतना था
क्योंकि हार तो अन्त है
तो सोचा
ए बन्दे कायर मत बन
खुद पर भरोसा रख
उसका साथ ही तेरी हिम्मत है
आगे बढ़ता जा ,जीवन जिए जा
जिसने जीवन दिया उसको जीत कर दिखा।
by jyoti kakkar-who lives for today
कितने रँग थे जीवन में
अक्सर ठगा, हारा महसूस किया
फिर भी जीवन भरपूर जिया
क्योंकि एहसास था कि....
जीवन जिसने दिया है
उसी ने तय किये है ये रास्ते मेरे लिए
मुझको चलते जाना था
मुश्किलों से पार पाते हुए।
हिम्मत ना हारते हुए
रास्ते खुद बनाते हुए
आगे बढ़ते जाना था
नीचे पथरीले रास्ते थे
पर ऊपर उसका हाथ था
विश्वास ना छोड़ा हिम्मत ना हारी
जीना था तो जीतना था
क्योंकि हार तो अन्त है
तो सोचा
ए बन्दे कायर मत बन
खुद पर भरोसा रख
उसका साथ ही तेरी हिम्मत है
आगे बढ़ता जा ,जीवन जिए जा
जिसने जीवन दिया उसको जीत कर दिखा।
by jyoti kakkar-who lives for today
2 टिप्पणियां:
Your words fill me with courage and remind the reader of the gift of life that we must appreciate--truly and fully. Thank you for this bhabhi.
Thank You Arti, my life mentor, Your appreciation encourages me to write more. Love you.
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