सीखने की कोई उम्र नहीं होती के तीसरे एपिसोड के साथ मैं ज्योति कक्कड़ उम्र ६४ साल पॉडकास्ट के मंच पर एक बार फिर उपस्थित हूँ. FIRST I WANT TO THANK ANCHOR - THE PODCAST PLATFORM FOR BEING SO USER FRIENDLY AND POSTING OUR EFFORTS ON OTHER EQUALLY POPULAR PLATFORMS . और साथ ही धन्यवाद सोशल मीडिया का जिसने खूब अवसर दिए हैं। सुनने के, कहने के, सीखने के और अपने शौक पूरे करने के।
आज अपने तीसरे एपिसोड में मैंने जीवन के बारे में बात करने का मन बनाया है. और वो भी फ़िल्मी गीतों के साथ। तो जीवन पर एक पसंदीदा गीत प्रस्तुत है.
जीवन क्या है कोई न जाने
जीवन जो सबको अलग तरह से पेश आता है इसीलिए हर एक इंसान इस की परिभाषा अपने तरीके से करता है.और उसको अलग अलग नामों से पुकारता है. जीवन की कोई एक परिभाषा तो हो नहीं सकती क्योंकि हमको अपने जीवन काल में जैसी परिस्थितियां मिलती हैं और जैसे हमको अनुभव होते हैं. उन्ही से हम बहुत कुछ सीखते हैं और अपनी समझ से उसको जीते हैं। अलग परिस्थितियों के कारण सबको अलग पाठ पढ़ने को मिलता है और इसलिए सबको जीवन से अलग शिक्षा मिलती है. ये जीवन और उसमें आने वाली परिस्थितियां ही है जो हमारी आखिरी सांस तक हमें कुछ न कुछ सिखाती रहती है। तो यहाँ जीवन हुआ एक शिक्षक।
जीवन समय भी है -जन्म और मृत्यु के बीच का समय। और जन्म के साथ ही उलटी गिनती शुरू हो जाती है. जिसको कहते हो जनम वो मौत की शुरुआत है। इस जन्म और मृत्यु के बीच के समय को हम जीवन यात्रा भी कहते हैं। यात्रा जिसका आरम्भ भी है और अंत भी है. सभी को पता है , कोई नई बात नहीं है. बस ये बात याद ही नहीं रहती कि समय की धारा में उम्र बह जानी है. पर ये ऐसी यात्रा है जिसमें कोई पड़ाव नहीं है.समय का पहिया चलता रहेगा और स्थितियां बदलती रहेंगी. सुख दुःख दोनों आएंगे जाएंगे. कुछ भी स्थाई नहीं होगा. अंत मैं हम कहेंगे की ज़िन्दगी की तलाश में हम मौत के कितने पास आ गए.
फ़िल्मी गीतों में सुना... ज़िन्दगी एक सफर है सुहाना , तो सुहाने सफर का भरपूर आनंद उठाइये पर याद रखिये कि हर सफर का एक अंत होता है , तो अंत आने से पहले रास्ते में मिले खुशनुमा पलों को भरपूर जीना है. तमाम परेशानियों को किनारे करके जो है उसका भरपूर आनंद उठाइये. जो नहीं है.अगर आपके प्रयास से वो मिल सकता है तो भरपूर कोशिश करिये। पर कुछ सवालों के उत्तर नहीं होते. यदि उनको आप अथक प्रयास से भी न सुलझा सकें तो जो है उसके साथ आगे बढिये.और प्रसन्न रहिये।
और ये भी सुना कि ज़िन्दगी हर कदम एक नई जंग है। और यदि आपके हिस्से में जंग आई है तो घबराना कैसा जंग जीतने का प्रयास कीजिये. क्योंकि ज़िंदगी की यही रीत है. हार के बाद ही जीत है. और जंग तो जीतने के लिए ही लड़ी जाती है..यदि हम शेक्सपियर के कथन को आत्मसात कर लें कि ये जीवन मिला है और इसके साथ जो भूमिका मिली है उसको निभा कर चले जाना है. तो हम किसी भी परिस्थति में संतुलन नहीं खोएंगे. जो चुनौती मिलती जायेगी उसका सामना पूरी क्षमता से करेंगे। जीत गए तो ख़ुशी मनाएंगे पर अगर हार गए तो उसको सहर्ष स्वीकार करेंगे. किस्मत को कोसने से और दुःख मनाने से तो जीत नहीं मिलेगी. परिस्थियाँ हमेशा एक सी नहीं रहतीं । रंग बदलती रहती हैं.नए रास्ते दिखती है. नए पाठ पढ़ाती रहती हैं. हमको स्वयं को सिद्ध करने का मौका देती रहती हैं। इसलिए किसी भी स्थिति को गंम्भीरता से नहीं लेना चाहिये।
ये जीवन है इस जीवन का यही है रंग रूप. रंग रूप। थोड़े गम हैं थोड़ी खुशियां यही है रंग रूप.
जीवन क्या है? कभी ये हमको ईश्वर से मिला एक तोहफा है , कभी एक मौका है। one life one chance जीवन की भागमभाग में भूलना नहीं है कि समय कम है कितना ये भी पता नहीं. चुनौतियाँ मिलती रहेंगी और समय गंवाना नहीं है. ख़ुशी के हर पल को भरपूर जिया जाये, और विपरीत समय में धैर्य और हिम्मत से काम लिया जाए इसी में समझदारी है. गीता में कृष्ण ने कितनी शिक्षाप्रद बात कहीं है कि जो सुख एवं दुःख दोनों में सामान व्यवहार करे वो ही ज्ञानी है.
जीवन में सुख दुःख का आना जाना लगा रहेगा. कुछ भी स्थाई नहीं है. उन पर ईश्वर की कृपा है जिनके जीवन में कष्ट नहीं है. कुछ अभागे हैं जिनके जीवन में सुख को प्रवेश ही नहीं मिलता. संघर्ष करते हुए कष्टों के साथ जीना ही उनकी नियति में होता है. हिम्मत से कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए वे जीवन बिताते हैं। उनमें हिम्मत और धैर्य अधिक होता है। परन्तु मानसिक दुर्बलता वाले लोगो में कष्ट झेलने की क्षमता नहीं रहती, वो बहुत जल्दी हार मान लेते हैं और आत्महत्या जैसा कदम उठाते हैं. ऐसे दुर्बल आत्मबल वाले कृपया ये समझें कि
फूल जीवन में न खिले तो काँटों से भी निभाना पड़ेगा. ज़िंदगी गम का सागर भी है हंस के उस पार जाना पड़ेगा.
जानते हम सब हैं पर यदि उनको किसी मुश्किल समय में याद न रखा तो उनको जानने का कोई लाभ नहीं. इसलिए समय के साथ बहते जाइये। यदि ये परिस्थियाँ ऊपर वाले की देन हैं और आपके कर्मों का फल नहीं तो ईश्वर प्रदत्त चुनौती को स्वीकार करिये और जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास करिये.
ज़िन्दगी की राह में ख़ुशी के फूल भी, ज़िंदगी की राह में ग़मों की धूल भी
ज़िन्दगी कभी यकीं कभी गुमान है हर कदम पे तेरा मेरा इम्तिहान है.
ज़िन्दगी के रंग कई रे साथी रे ज़िन्दगी रंग।
ज़िन्दगी की राह में ग़मों की धुल भी ज़िन्दगी की राह में ख़ुशी के फूल भी.
बूँद बूँद से सागर बनता है और पल पल से जीवन। बीता हुआ पल वापस नहीं आता. इसलिए हर पल जीना है.
आगे भी जाने न तू पीछे भी जाने न तू। जो भी है बस यही एक पल है
कुदरत का करिश्मा है कि जैसे सबके चेहरे अलग , वैसे ही भाग्य अलग और इसलिए हर एक का जीवन अलग।
परिस्थितिया कुछ भी हों ,यदि हम सब अपने अपने जीवन को अपनी सोच से , व्यवहार से , अपनी कर्मठता से उत्तम बनाएं ,जो कि हमारे हाथ में है, तो चारों और बेहतर और सकारात्मक वातावरण देखने को मिलेगा।
इस आशा से ये एपिसोड समाप्त करती हूँ कि अपने आसपास परिस्थितियों से हारा कोई दिखे तो उसका आत्मबल बढ़ाने में सहायक बनें, हमारे आस पास यदि कोई जीवन से हार कर आत्महत्या जैसा कदम उठाता है तो उसमें हम सब की हार है क्योंकि हम उसके कष्ट के समय में उसका दुःख साझा करने को नहीं थे और उसको समझा न सके कि तूफ़ान तो आना है आकर चले जाना है. बादल है ये इक पल का आ कर चले जाना है.
जीवन मिला है जीने के लिए इसलिए जियें और जीने दें . धन्यवाद. ENJOY LIFE !
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